शनिवार, 5 दिसंबर 2020

pawar avans ki chhatriya devas








पवार वंश की छत्रियां देवास

देवास मीठे पानी के निकट पवार राजवंश की छत्रियां बनी हुई हैं ये छत्रियां मराठा स्थापत्य कला का सुंदर नमूना है 100वर्ष से अधिक पुरानी होने के कारण इनका पुरातत्व महत्व है। यहां पर नये महाराज और पुराने महाराज के अलग-अलग क्षत्रियां बनी हुई है जिसमें महत्वूपर्ण कै. आतवसन 1904, श्रीमंत ताराराजा महाराजा पवार 1896, श्री गंगाराज जाधव देषमुख आदि की क्षत्रियां महत्पूर्ण है। जिनमें षिवलिंग की स्थापना की गई है। यह उल्लेखनीय है कि छोटी मां चामुण्डा देवी पवार वंष की कुलदेवी थी, और पवार वंष के बाद देवास में राज्य किया गया था। पवार वंष ने 250 वर्ष तक देवास में शासन किया था। अंग्रेजी शासनकाल में इस परिवार को 15 तोपों की सलामी दी जाती थी।


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